कंप्यूटर क्या है कंप्यूटर की फुल परिभाषा बताएं? कंप्यूटर की जानकारी हिंदी में

COMPUTER क्या है कंप्यूटर की परिभाषा कंप्यूटर के प्रमुख जनक और कंप्यूटर से किए जाने वाले तमाम कार्यों के बारे में हम इस आर्टिकल के माध्यम से आपको जानकारी देने वाले हैं आप कंप्यूटर के बारे में पूरी तरह से जान जाएंगे पोस्ट को पूरा पढ़ें यह जानकारी कंप्यूटर से रिलेटेड है तो चलिए शुरू करते हैं|

कंप्यूटर क्या है कंप्यूटर की फुल परिभाषा 


कंप्यूटर की परिभाषा (Computer ki parbhasha) 


Computer (संगणक) : कम्प्यूटर वर्ड Italian Word Compute से बना है। जिसका अर्थ Calculate करना। होता है। इसलिए इसे Calculating Machine भी कहा जाता है। इसका फुल फॉर्म Common Oriented Machine Particularly Used For Trade and Educations Research होता है।


आज के युग में कम्प्यूटर सिर्फ एक Calculating Machine तक सीमित में नहीं है। इसलिए वर्तमान समय में कम्प्यूटर की परिभाषा निम्न प्रकार दी जा सकती है। " कम्प्यूटर एक ऐसी इलेक्ट्रानिक डिवाईस है जो Arithmetic Calculation के साथ Data Storage, Communication तथा Entertainment का कार्य करता है।


कम्प्यूटर एक इलेक्ट्रानिक डिवाईस है जो डाटा या इनफार्मेशन को ग्रहण करता है तथा यूजर के निर्देशों के अनुसार प्रोसेस करके उसका रिजल्ट प्रदान करता है।


कंप्यूटर का पूरा सिस्टम (Computer system) 


Computer सिस्टम पाँच बेसिक Components से मिलकर बना होता है: 

1. Hardware:-कम्प्यूटर के वह सभी भौतिक तत्व जिन्हें देखने के साथ-साथ टच किया जा सकता है।-Monitor, C.P.U., Ram, Mouse, Keyboard, HDD. 


2. Software:-कम्प्यूटर के वह सभी तत्व जिनका उपयोग हार्डवेयर तथा यूजर के मध्य इंटरफेस बनाने के लिए किया जाता है। जिसका उपयोग से यूजर हार्डवेयर का उपयोग करता है।सॉफ्टवेयर को सिर्फ देखा जा सकता है टच नहीं किया जा सकता है। जैसें-ऑपरेटिंग सिस्टम, एम.एस. ऑफिस, टैली, पेज मेकर इत्यादि। 


3. Humanware:-कम्प्यूटर पर कार्य करने वाले व्यक्ति को Humanware  पर कार्य करने की विधि (Work of Computer) कम्प्यूटर पर कार्य करने की विधि Procedure कहलाती है। 


4. Data / Information:-कम्प्यूटर के द्वारा किसी कार्य को करने में प्रयुक्त की गई सामग्री डाटा कहलाती है। जिस पर कम्प्यूटर कार्य कर के उसे इनफॉरमेशन में बदलता है।


कम्प्यूटर इतिहास क्या है? (Computer ka etihas) 


कम्प्यूटर का इतिहास 3000 वर्ष पुराना है जब चीन में एक गणना यन्त्र अबेकस का आविष्कार हुआ था। जिसका उपयोग जोड़ने व घटाने में किया गया था। जापान में अबेकस की 'सारोवान' कहा जाता था। इसमे कई समान्तर छड़ो को एकसाथ एक साँचे में कस दिया जाता था। जिसमे छोटी-छोटी गुरिया लगी थी। इन गुरियो की सहायता से मैथमेटिकल कैलकुलेशन किये जाते थे।

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पहली मेकेनिकल एडिग मशीन का आविष्कार 1642 में ब्लेज पास्कल द्वारा किया गया। जिसमें एक पहिये पर कुल 10 दांते लगे होते थे जिन पर 0-9 तक के अंको को प्रदर्शित किया गया था।


सूचना पौरोगिकी एवं डाटा बेस मैनेजमेंट किया गया था। प्रत्येक चक्री का स्थानीय मान इकाई दहाई सैकड़ा आदि था। इस मशीन का एडिंग मशीन कहते थे यह मशीन घड़ी और ओडोमीटर के सिद्धांत पर कार्य करती थी। बाद में 1671 में जर्मन के बैरोन गॉटफ्रीड बिलहेम वोन लेवनीज़ ने गुणा करने हेतु प्रथम कैलकुलेटर का आविष्कार किया।


आधुनिक कंप्यूटर के जनक कौन है? (Computer ke Jank) 


चाल बेवेज को आधुनिक डिजिटल कंप्यूटर का जनक कहा जाता है। चाल बेवेज ने 1822 में एक गणितीय मशीन DIFFERENCE इंजन का आविष्कार किया जो गणितीय सारणी की गणना करने में सक्षम थी।

R कंप्यूटर कीबोर्ड टाइपिंग 

यह पूर्णतः आटोमेटिक मशीन थी जिसमे गेयर और शाफ्ट लगे थे और यह भाप से चलती थी। 1833 में चाल बेवेज ने एक अन्य मशीन का आविष्कार किया जिसका नाम एनालिटिकल इंजन था। इस यन्त्र में एक अतिरिक्त मेमोरी स्टोरेज था जिसमे डेटा को पंच कार्ड के अंदर रख सकते थे।


कंप्यूटर की मुख्य विशेषताएँ (Computer ki bisesitaye) 


Computer:-कम्प्यूटर की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-कम्प्यूटर एक बहुत ही फास्ट डिवाईस है। यह कुछ ही सेकंड में कई लाख साधारण कैलकुलेशन को कर सकता है। ये कम्प्यूटर की स्पीड को मिली सेकंड (10) , माईक्रो सेकण्ड (10) , नैनो सेकंड (10) में मापा जाता है।


एक्यूरेसी या शुद्धता:-कम्प्यूटर की एक्यूरेसी बहुत ज्यादा होती है, यह अपना काम बिना किसी गलती के करता है तथा इसकी एक्यूरेसी 100 प्रतिशत होती है। आटोमेशन या स्वचालन: कम्प्यूटर अपना सारा काम लगभग स्वचालित रूप से करता है लेकिन स्वचालक का कम्प्यूटर के लिए एक विशिष्ट अर्थ है।

R- कंप्यूटर सीपीयू 

कंप्यूटर, यूजर द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन स्वतः करता है किसी कार्य को बार-बार करने के लिए निर्देशों को बार-बार नहीं देना होता है कम्प्यूटर कैल्कुलेशन करते समय कुछ लॉजिकल ऑपरेशन भी करता है। जैसे रिजल्ट शीट प्राप्तांको से डिवीजन निकलना व प्रस्तुत करना


जैसे:-मार्कशीट बनाने के लिये यदि प्रत्येक स्टूडेन्ट ने 6 सबजेक्टों में परीक्षा दी है, तो उसका टोटल निकालने के लिये पहले एक सबजेक्ट के अंक लिखने के बाद दूसरे सबजेक्ट का अंक लिखा जाता है, यदि क्रम 6 बार करना हो तो एक कैल्कुलेशन द्वारा अधिक समय लगेगा।


लेकिन यदि इसी कार्य को कम्प्यूटर के द्वारा कराया जाये तो सिर्फ सभी सबजेक्ट के नम्बर कम्प्यूटर में इनपुट करने के लिये समय लगेगा। बाकी कैलकुलेशन में बहुत थोडा समय लगेगा, कंप्यूटर बाकी कैलकुलेशन स्वतः पूर्ण कर लेगा।

R- Computer Se Piasa

हाई स्टोरेज कंप्यूटर क्षमता (Computer Strong) 


High Storage Capacity या संग्रह क्षमता: एक कम्प्यूटर सिस्टम की डाटा स्टोर करने की कैपेसिटी बहुत अधिक होती है। कम्प्यूटर लाखों पेज के बराबर मेटर को बहुत कम जगह में स्टोर करके रख सकता है। यह सभी प्रकार के डाटा को स्टोर करके रख सकते हैं।


जैसे: जिन्हें कई वर्षों तक स्टोर करके रखा जा सकता है तथा यूजर स्टोर की गई चीजों को कभी भी सेकण्ड के अंदर प्राप्त करसकता है तथा उसे उपयोग कर सकता है। डाटा स्टोरेज यूनिट जिस प्रकार हमारी लैंग्वेज में अंको को Decimal Number ( (0-9) में लिखा जाता है उसी प्रकार मशीन लैंग्वेज में अंको को बाइनरी लैंग्वेज (0, 1) में प्रदर्शित किया जाता है।


कंप्यूटर में डाटा स्टोरेज यूनिट (Computer Data) 


कंप्यूटर में डाटा स्टोरेज यूनिट को निम्न प्रकार से प्रदर्शित किया जाता है। 8 Bit 1 Byte (1 Character) (2) =1024Byte 1 Kilo Byte (KB) 1024KB 1 MegaByte (MB) 1024 MB 1Giga Byte (GB) 1024GB 1 Tera Byte (TB) 

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रिलायबिलिटी:-कम्प्यूटर विश्वसनीय डिवाइस है इसमें रखा डाटा अपने आप ख़राब नहीं होता न ही कंप्यूटर उसमे कोई चेंज करता है कम्प्यूटर की स्टोर करने की क्षमता, एक्यूरेसी तथा याद रखने की शक्ति अधिक होती है अर्थात कम्प्यूटर में या कम्प्यूटर से जुड़ी हुई सारी क्रियाएँ विश्वसनीय होती हैं।


वर्सालिटी (सार्वभौमिकता) :-कम्प्यूटर अपनी सार्वभौमिक वाले गुण के कारण बड़ी तेजी से (पापुलर हो रहा है। कम्प्यूटर किसी भी यंत्र का नाम न रहकर आटोमेटिक मशीन के ग्रुप का नाम हो गया है। कम्प्यूटर को पहले गणितीय कार्यों को करने के लिये बनाया गया था लेकिन धीरे-धीरे यह व्यवसायिक कार्यों के लिये उपयोग में लाया जाने लगा है। कम्प्यूटर कई क्षेत्रों में कार्य करता है जैसे मेडिकल, एजुकेशन, ऑफिसियल इत्यादि।


कंप्यूटर से किए जाने वाले कार्य (Computer ke Kary) 


कम्प्यूटर में निम्न कार्य भी किये जा सकते है जैसे

1-Computer के साथ प्रिंटर लगाकर सभी प्रकार की जानकारी को कई अलग-अलग डिजाईनों में रिप्रजेंट किया जा सकता है।


2-कम्प्यूटर को फोन लाईन में जोड़ने पर सारी दुनिया में इनफार्मेशन को आदान-प्रदान किया जा सकता है।


3-कम्प्यूटर में कई अलग-अलग प्रकार के गेम्स खेले जा सकते हैं। 


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