Communication Channel, एनालॉग और डिजिटल सिग्नल जानकारी

 Communication Channels, Analog and Digital Signals (संचार चैनल, एनालॉग और डिजिटल सिग्नल) 

Communication Channel


Communication Channels (संचार चैनल) :


1. Twisted Cable (मुड़ केबल) 

2. Coaxial Cable (समाक्षीय तार) 

3. Fiber Optic (फाइबर ऑप्टिक) 

4. Serial and Parallel Communication (सीरियल और समानांतर संचार) 


1-Twisted Cable (मुड़ केबल) :


यह कम्यूनिकेशन का सबसे सरल माध्यम है। इस केबल में वायर आपस में लिपटे रहते हैं। इन केबल का उपयोग टेलीफोन लाईन में होता है मगर इस केबल के अंदर इनर्कोमेशन कई बार खत्म हो जाती है क्योंकि सिगनल आपस में मिक्स हो जाते हैं क्योंकि इन केबल का बॉडी कवर बहुत पतला होता है।


2-Coaxial Cable (समाक्षीय तार) :


नेटवर्क में यह केबल सबसे ज्यादा यूज की जाती है क्योंकि यह केबल फाईबर आपटकल की अपेक्षा सस्ती है मगर यह ट्यूस्टेड केबल से महंगी है। इस केबल में भी बहुत कम सिग्नल लीक (कोलैप्स) होते हैं क्योंकि केबल के अंदर वायर्स को दो बार पैक किया जाता है एक बार केबल के अंदर और दूसरी बार केबल के बाहर।


3-Fiber Optic Cable (फाइबर ऑप्टिक) :


यह सबसे महंगी केबल है। इस केबल का उपयोग बड़े नेटवर्क में किया जाता है। जैसे एक कंट्री से दूसरी कंट्री के बीच में इस केबल में इनर्पोमेशन लूज नहीं होती है क्योंकि इस के अंदर कांच के रेसे होते हैं। यह केबल कांच के रेसो की सहायात से सिगनल भेजता है लाईट के रूप में इसमें सिगनल कोलेप्स नहीं होते है। इस केबल को काटने के लिये अलग से कटर आता है क्योंकि इस केबल के अंदर प्वाईजन होता है। दो केबल को कनेक्ट करने के लिये अलग से बॉक्स मिलते है। इन बाक्सेस के द्वारा आसानी से केबल को जोड़ा जा सकता है।


4-Serial and Parallel Communication (सीरियल और समानांतर संचार) 


यह केबल सी.पी.यू. के अंदर लगी रहती है। सीरियल कम्यूनिकेशन में एक समय पर सिर्फ एक ही कार्य हो सकता है। इसमें अगर इनर्पोमेशन भेज रहे हैं तो रिसीव नहीं कर सकते हैं और रिसीव कर रहे हैं तो सेंड नहीं कर सकते हैं।


Parallel:-यह महंगी केबल है। इसमें हम एक समय में ही दोनों कार्य कर सकते हैं। इनर्कोमेशन भेज भी सकते हैं और रिसीव भी कर सकते हैं। क्योंकि इस केबल के अंदर दो डाटा बस होती है एक रिसीव करने के लिये और दूसरी सेंड करने के लिए।


Communication Protocol:-नेटवर्क में किसी भी प्रकार के कम्यूनिकेशन के लिये प्रोटोकॉल की जरूरत पड़ती है क्योंकि नेटवर्क में हर कार्य के लिये अलग-अलग प्रोटोकॉल दिये रहते हैं और जिनके बगैर और किसी भी कार्य को नहीं कर सकते हैं। यह प्रोटोकॉल अपने आप में प्रोग्राम होते हैं या Setofrules like-FTP, TCP / IP, POPetc.


F.T.P. File Transfer Protocol) : इस प्रोटोकॉल का उपयोग फाईल के ट्रांसफर में किया जाता है।


T.C.P. / I.P.: [Transfer Control Protocol / Internet Protocol] :-इस प्रोटोकॉल में टीसीपी प्रोटोकॉल एफ.टी.पी. प्रोटोकॉल के साथ यूज होते हैं और आई.पी. प्रोटोकॉल किये जा रहे कार्य का एड्रेस कंटेन करता है। यह प्रोटोकॉल सुनिश्चित करता है कि भेजी जा रही इनर्कोमेशन सही जगह पर पहुँचेगी।


POP [PostOffice Protocol] : इस प्रोटोकॉल का उपयोग इलेक्ट्रानिक मेल के साथ किया जाता है।


Communication Software: ऐसे साफ्टवेयर जो नेटवर्क में उपयोग किये जाते हैं उन्हें कम्यूनिकेशन साफ्टवेयर कहते हैं जैसे-ऑरेकल, फाक्स प्रो, एमएस आफिस इत्यादि। इन साफ्टवेयर को नेटवर्क में डालकर अलग-अलग कम्प्यूटर में एक्सेस (उपयोग) कर सकते हैं।


Analog and Digital Signals (एनालॉग और डिजिटल सिग्नल) :


1. Analog Signals (एनालॉग सिग्नल) :


यह सिग्नल एक वेब के रूप में रहते हैं जिनकी फिक्वेंसी कभी भी स्थिर नहीं रहती है यह हमेशा कम ज्यादा होते रहते हैं। इसलिए इनसे प्राप्त रिजल्ट एक्यूरेट नहीं रहता है। इस सिगनल का उपयोग टेलीफोन और रेडियो में होता है।


एनालॉग सिग्नल दो पार्ट में डिवाईड हैं


1. Periodic

2. Aperiodic


1. Periodic: पीरियाडिक मैथेड में एक सिगनल से दूसरे सिगनल का डिस्टेंस हमेशा बराबर होता है।


2. A Periodic: इसके अंदर डिस्टेंस सेम नहीं होता है, फिक्वेंसी के अनुसार कम ज्यादा होता रहता है।


2. Digital Signal: Digital Signal की फिक्वेंसी हमेशा स्थिर रहती है। इनकी फिक्वेंसी वेव के है इसलिये हमेशा सही रिजल्ट देते हैं।


Digital Signals (डिजिटल सिग्नल) : Categorized into two category


1. Periodic Digital Signals

2. Aperiodic Digital Signals


1. Periodic Digital Signals: पीरियाडिक मैथेड में एक सिगनल से दूसरे सिगनल का डिस्टेंस सेम होता है।


2. Aperiodic Digital Signals: इनके डिस्टेंस सेम नहीं होते है, फ़िक्वेंसी के अनुसार कम ज्यादा होते रहते हैं। 

Read: Types of telecom Connection दूरसंचार में कनेक्शन के प्रकार कौन से हैं?

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