कम्प्यूटर की विशेषतायें, क्षमता और सीमायें || Limitations of Computer

 कम्प्यूटर की विशेषतायें, क्षमता और सीमायें (Characteristics, Capability and Limitations of Computer) : किसी भी उपकरण को पढ़ने या खरीदने से पहले हमें उसके विशेष गुणों की जानकारी होनी चाहिए। ऐसा होने पर ही हम उसे पूरी तरह से समझ सकेंगे। कम्प्यूटर की विशेषतायें कुछ इस प्रकार है, जो हमें हर प्रकार के कम्प्यूटर में मिलेंगी, भले ही वह छोटा कम्प्यूटर हो या बड़ा:

Limitations of Computer


Capability and Limitations of Computer (कंप्यूटर की क्षमता और सीमाएं) 


1-Speed (गति) : इंसानी तौर पर हम समय को घंटों या मिनटों में मापतें हैं। कुछ परिस्थितियों में हम सेकेण्ड में गिनती करते हैं हालाँकि ऐसा बहुत कम होता है। अर्थात् हमारी समय की व्यवहारिक सीमा सेकेण्ड से छोटी नहीं हो सकती। दूसरी ओर कम्प्यूटर बहुत ही तेज मशीन है।


कम्प्यूटर में गति सेकेण्ड के भागों में विभक्त रहती है। कम्प्यूटर के लिये 1 सेकेण्ड भी बहुत बड़ी समय सीमा हो जाती है, क्योंकि आज हम कम्प्यूटर की गति को पीको सेकेण्ड में नापते हैं। उदाहरण के लिये, यदि हमें 1234567.3456 का 567.34 से गुणा करना हो तो उसमें हमें 1 मिनट का समय लग सकता है। इसी कार्य को कम्प्यूटर 1 सेकेण्ड से भी कम समय में कर सकता है।


कम्प्यूटर जगत से जुड़ी गति के मापदंड इस प्रकार है:


यूनिट-                   अर्थ


मिली सेकेण्ड-     सेकेण्ड का हजारवाँ भाग


माइको सेकेण्ड-   सेकेण्ड का दसलाखवाँ भाग


नेनो सेकेण्ड-     सेकेण्ड का अरबवॉ भाग


पीको सेकेण्ड-    सेकेण्ड का खरबवाँ भाग


जैसा हम देख सकते हैं एक पीको सेकेण्ड, एक सेकेण्ड का खरबवॉ भाग है और आज के कम्प्यूटर इसी गति से कार्य करते है। अतः डेटा का संग्रहण, उसका विश्लेषण तथा नतीजों का प्रर्दशन एक सेकेण्ड से भी कम समय में संभव है। आज के कम्प्यूटर एक सेकेण्ड में 100 मिलियन गणना कर सकते है।


कम्प्यूटर की गति के मापक के रूप में कम्प्यूटर जगत ने MIPS को परिभाषित किया है (MIPS: Million Instructions Per Second) । 5 MIPS का मतलब यह कि कम्प्यूटर एक सेकेण्ड में 5 मिलियन निर्देश का पालन कर सकता है। 20 MIPS का मतलब यह कि कम्प्यूटर एक सेकेण्ड में 20 मिलियन निर्देश का पालन कर सकता है।


कंप्यूटर की क्षमता और सीमाएँ (Limitations of Computer) 


2-Reliability (विश्वसनीयता) : कम्प्यूटर हमें उच्चकोटि की विशवसनीयता प्रदान करता है। यह भी कम्प्यूटर और एक साधारण मानव के बीच में बहुत बड़ा फर्क है। कम्प्यूटर घंटों तक तथा कठिन स्थितियों में भी बिना थके कार्य कर सकता है। कम्प्यूटर के सम्बंध में न्यूनतम 99.99 प्रतिशत की विश्वसनीयता की अपेक्षा हमेशा होती है।


जिन कंपनियों में कम्प्यूटर बहुत ही अहम् भूमिका निभा रहे हों उन कम्प्यूटर के साथ ही बैकअप (backup) कम्प्यूटर का प्रावधान भी किया जाता है। यदि मुख्य कम्प्यूटर खराब हो जाता है तो बैकअप कम्प्यूटर उसके कार्य का निष्पादन प्रारंभ कर देता है और कार्य आम दिनों की तरह सुचारू ढंग से चलता है।


कम्प्यूटर जब खराब हो जाता है उस समय को हम "डाऊन टाइम" कहते हैं। कहने की आवश्यकता नहीं कि डाउन टाइम कम से कम अवधि का होना चाहिए। सतत् तथा उचित रखरखाव के कारण कम्प्यूटर अपनी पूर्ण कार्य क्षमता से चलते हैं।


Limitations of Computer


3-Accuracy (सटीकता) : कम्प्यूटर बहुत ही कम गलतियाँ करते हैं। आमतौर पर कम्प्यूटरों की गलतियों कम्प्यूटरों की नहीं होती है। इनके पीछे कुछ और कारण हो सकते हैं जैसे:-प्रोग्रामिंग की त्रुटियाँ, ऑपरेटर द्वारा गलत प्रक्रिया का पालन, ऑपरेटर द्वारा गलत डेटा टाइप करना।


उदाहरण के तौर पर, यदि एक बैंक कर्मचारी ब्याज की गलत दर टाइप करता है तो इससे गणना में त्रुटि निश्चित रूप से होगी। इसके लिए आमतौर पर हम कम्प्यूटर को दोष देते हैं कि कम्प्यूटर गलती कर रहा है। जबकि हकीकत ये है कि ऑपरेटर द्वारा गलत डेटा दिया गया है जिससे परिणाम सही रूप से नहीं निकला।


4-Storage (स्टोरेज) : कम्प्यूटर में डेटा को रिकॉर्ड करने की क्षमता है और यह एक बहुत फायदा है। एक बार डेटा स्टोर हो जाने पर हम उसे कभी भी कहीं भी पढ़ सकते है। हमें कुछ बटन दबाने तथा कुछ निर्देश देने की आवश्यकता मात्र है और कुछ ही क्षणों में हमारे पास पूर्ण सूचना उपलब्ध हो जाती है।


5-Security (सुरक्षा) –कम्प्यूटर के अंदर जो भी डेटा डाला गया है वह काफी सुरक्षित माना जा सकता है। यदि हम उचित प्रावधानों तथा प्रक्रिया का पालन करें तो ये सुरक्षा अभेद्य हो सकती है। एक साधारण पेपर फाइल को कोई भी पढ़ सकता है। परंतु कम्प्यूटर से डेटा पढ़ने के लिए विशेष महारत हासिल किये व्यक्ति की आवश्यकता होती है। यदि कम्प्यूटर चालू हालत में हो तो भी एक अप्रशिक्षित व्यक्ति डेटा को नहीं देख सकता है।


कम्प्यूटरों के प्रयोग में कुछ व्यवधान (Computer Interference) 


कम्प्यूटर के फायदे देखने के बाद हमें ये भी जानना चाहिए की कम्प्यूटरों के प्रयोग में कुछ व्यवधान भी हैं जो इस प्रकार हैं:


1-Reliable Programs (विश्वसनीय प्रोग्राम) : कम्प्यूटरीकृत कार्यकलाप में सब कुछ इस पर निर्भर करता है कि हमारा कम्प्यूटर प्रोग्राम त्रुटि रहित हो। यदि प्रोग्राम ठीक ढंग से बनाया गया हो और हमें अपेक्षित परिणाम दे रहा हो तो कोई बात नहीं। परंतु यदि कोई ऐसी परिस्थिति हो जिसका हमने प्रोग्राम में प्रावधान नहीं किया हो तथा वह घटित हो जाती है तो ऐसे में हमारा प्रोग्राम गलती कर सकता है। यदि हमारा प्रोग्राम कई वर्षों से चल रहा हो तो भी कोई नई परिस्थित होने पर हमें गलत परिणाम मिल सकते हैं। -


2-Fully-defined Logic (पूर्ण परिभाषित तर्क) : कम्प्यूटर के द्वारा किये जाने वाले कार्यों को हम एक सीमा निर्धारित कदम के रूप में व्यक्त कर सकते हैं। इससे हमारा मूल उदेश्य पूरा हो जायेगा। प्रत्येक कदम हमें स्पष्ट रूप से परिभाषित करना होगा। यदि कोई कदम हम स्पष्ट रूप में नहीं दे सके तो वह कार्य कम्प्यूटर द्वारा नहीं किया जा सकेगा। साथ ही, कम्प्यूटर मुख्यतः जानकारी देने का काम करता है, उस जानकारी के दम पर कुछ निणर्य लेना कम्प्यूटर के कार्य क्षेत्र में नहीं है।


कम्प्यूटर को पुराने उत्पाद (Old computer products) 


उदाहरण के लिये, हम कम्प्यूटर को पुराने उत्पाद की कीमतों, बाज़ार में उतारने की तारीख, उतारने का तरीका इत्यादि की जानकारी देने को प्रोग्राम कर सकते हैं। परंतु यह सूचना हमें यह नहीं बताएगी कि हाल ही में निकाला जाने वाला नया उत्पाद बाज़ार में किस तरह और कैसे अपनी पैठ बनायेगा। यह कार्य इंसान के लिए ही उपयुक्त है। अतः कम्पनी के सेल्स मैनेजर, डायरेक्टर आदि कम्प्यूटर के द्वारा प्रदाय जानकारी पर आगे कार्य करेंगे।


कम्प्यूटर हाँ / नहीं अथवा सही / गलत वाली परिस्थितियों में महत्त्वपूर्ण योगदान दे सकता है। यदि कोई उत्पाद स्टोर में एक पूर्व निर्धारित मात्रा से कम हो जाता है तो हम कम्प्यूटर के द्वारा उसके विकय को अस्थाई रूप से रोक सकते हैं।


साथ ही हम सम्बंधित कर्मचारी को संदेश भेज कर सामान की आपूर्ति सुनश्चित कर सकते हैं, या फिर कम्प्यूटर के द्वारा ही हम टेंडर मंगवा सकते हैं। यह सब स्पष्ट रूप से परिभाषित तथा सीमा निर्धारित कदमों में होना चाहिए। यदि हम किसी एक कदम को परिभाषित नहीं कर पाये तो हमारा कम्प्यूटर प्रोग्राम भी नहीं बन पायेगा।


निष्कर्ष:


ऊपर दिए गए आर्टिकल के माध्यम से आपने कंप्यूटर की विशेषता और क्षमताओं के बारे में कुछ Characteristics, Capability and Limitations of Computer महत्त्वपूर्ण जानकारी पढ़ी। आशा है आपको ऊपर दी गई जानकारी जरूर अच्छी लगी होगी और अधिक नॉलेज अर्जित करें।


और अधिक पढ़ें: Storage Unit || स्टोरेज यूनिट के संख्यक रूप व व्याख्या महत्त्वपूर्ण जानकारी


Tags-Characteristics, Capability and Limitations of Computer, Old computer products, Computer Interference, कम्प्यूटर की विशेषतायें, क्षमता और सीमायें,